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Sunday 29 September 2013

अपने पीसी को इन तरीकों से बनाएं सुपरफास्ट

दोस्तों हमारा कंप्यूटर काम करते करते कई बार हैंग होने लगता है या उसकी स्पीड कम हो जाती है लेकिन अपने पीसी को इन तरीकों से बना सकते है सुपरफास्ट---------
Slow PC

Remove Temp Files
टेंपरेरी फाइल्स आमतौर पर ब्राउजर फाइल्स होती हैं या फिर नई एप्लीकेशन इंस्टॉलेशन के दौरान बनती हैं। इनमें से ज्यादातर फाइल्स प्रोग्राम इंस्टॉलेशन के बाद ऑटोमेटिकली रिमूव हो जाती हैं, बावजूद इसके इनमें से कुछ फाइल्स रह जाती हैं। जितनी ज्यादा फाइल्स होंगी, वे आपके पीसी की परफॉरमेंस को स्लो कर देंगी। ये फाइल्स धीरे-धीरे हार्ड ड्राइव का स्पेस खत्म करती जाती हैं। जिससे कई बार हार्ड डिस्क में भी प्रॉब्लम आ जाती है और जिसका असर पीसी की स्पीड पर पड़ता है। नेट पर कई सारे टेंप फाइल क्लीनर हैं, जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद आप पीसी की स्पीड को बढ़ा सकते हैं। CCleaner को यूजर अपने पीसी में इंस्टॉल कर सकते हैं। यह एक ट्रस्टेड सॉफ्टवेयर है, जिसे विंडोज और मैक दोनों में यूज किया जा सकता है। इसमें बूट स्टार्टअप का भी ऑप्शन है, Setting करने के बाद PC को Start करते ही यह ऑटोमेटिकली Temp Files को फटाफट Remove कर देता है। इसके अलावा रजिस्ट्री क्लीनर भी है, जो प्रोग्राम Uninstall करने के बाद पीसी में रह जाती हैं, उन्हें भी क्लीन कर देता है। साथ ही इसमें System Restore का भी ऑप्शन है।
http://www.piriform.com/ccleaner
 
Remove Unwanted Shortcuts

शॉर्टकट्स हमारी सहूलियत के लिए होते हैं। इनके जरिए ही प्रोग्राम या फाइल्स को हम यूज करते हैं, ये हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के साथ हमारा टाइम भी बचाते हैं। कई प्रोग्राम इंस्टॉलेशन के दौरान ऑटोमेटिकली डेस्कटॉप पर शॉर्टकट क्रिएट कर देते हैं, जिससे डेस्कटॉप का स्पेस खत्म हो जाता है। बेहतर होगा कि जो प्रोग्राम ज्यादा यूज में आते हों, उनके ही शॉर्टकट डेस्कटॉप पर रखें। कभी-कभार यूज होने वाले प्रोग्राम्स को स्टार्ट मेन्यू से जाकर एक्सेस कर सकते हैं। इससे आपका डेस्कटॉप खाली रहेगा और कंप्यूटर जल्दी बूट-अप होगा। विंडोज पीसी में अगर अनवॉन्टेड शार्टकट्स क्लीन करने हैं, तो डेस्कटॉप क्लीनअप विजार्ड की मदद से कर सकते हैं। यह 60 दिनों में आपके डेस्कटॉप को स्कैन करके अनयूज्ड आइकन और शॉर्टकट्स को डिलीट कर देगा। विंडोज एक्सपी यूजर्स डेस्कटॉप > राइट-क्लिक > क्लिक प्रॉपर्टीज > ओपन डिस्प्ले प्रॉपर्टीज > क्लिक डेस्कटॉप टैब > कस्टमाइज डेस्कटॉप > ओपन डेस्कटॉप आइकंस > रन डेस्कटॉप विजार्ड को एक्सेस कर सकते हैं।

Remove Duplicate
डुप्लीकेट फाइल्स भी कई बार पीसी की परफॉरमेंस को डिस्टर्ब करती हैं। ये फाइल्स आपकी हार्ड डिस्क का स्पेस घेरती हैं। यहां तक कि कई बार ज्यादा टेंप फाइल्स और डुप्लीकेट फाइल्स आपकी हार्ड ड्राइव को चोक कर सकती हैं। विंडोज और मैक यूजर्स इन डुप्लीकेट फाइल्स को सॉफ्टवेयर की हेल्प से रिमूव कर सकते हैं। ईजी डुप्लीकेट फाइंडर फ्री सॉफ्टवेयर की मदद से यूजर ऐसी फाइल्स को ठिकाने लगा सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर एक्सटर्नल स्टोरेज जैसे फ्लैश ड्राइव, पेन ड्राइव और पोर्टेबल हार्ड ड्राइव समेत लोकल ड्राइव्स में सेव ऐसी फाइल्स को डिलीट कर देता है। इसके अलावा, यह स्कैनिंग के दौरान रिपोर्ट भी जेनरेट करता है। फोटोग्राफर्स के लिए भी डुप्लीकेट फोटोग्राफ को सर्च करना और उन्हें रिमूव करना आसान हो जाएगा। डुप्लीकेट फोटो क्लीनर फ्री प्रोग्राम की मदद से वे डुप्लीकेट फोटोग्राफ्स को सर्च कर उन्हें डिलीट करके अपनी हार्ड डिस्क की लाइफ बढ़ा सकते हैं।
http://www.easyduplicatefinder.com
 
Get Up-to-Date
पायरेसी एक बड़ी प्रॉब्लम है। कंप्यूटर की परफॉरमेंस स्लो होने के पीछे पायरेटेड सॉफ्टवेयर भी जिम्मेदार होते हैं। पायरेटेड सॉफ्टवेयर्स में अपडेशन का ऑप्शन नहीं होता। जबकि पीसी की परफॉरमें स बनाए रखने के लिए एप्लीकेशंस के लेटेस्ट अपडेट्स भी डाउनलोड करने चाहिए। कंपनियां ओएस के नए फ्रेमवर्क के मुताबिक सॉफ्टवेयर्स के बग्स और उनके कंपैटिबिलिटी इश्यूज को अपडेट करती रहती हैं। अगर उनके अपडेट इंस्टॉल नहीं होंगे, तो सॉफ्टवेयर्स खुलने में टाइम लेगें, जिससे पीसी बूट-अप होने में टाइम लेगा। इसके अलावा ओएस पीसी का ब्रेन होता है। अगर ओएस भी पायरेटेड होगा, तो नए सॉफ्टवेयर्स को सपोर्ट नहीं करेगा या कंपैटिबिलिटी इश्यूज की प्रॉब्लम होगी। पीसी की परफॉरमेंस को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि जैनुइन सॉफ्टवेयर्स या ओपन सोर्स साॉफ्टवेयर्स यूज करें, ताकि पीसी की परफॉरमेंस बनी रहे।

Keep Free From Mal-ware
मलवेयर की वजह से पीसी की स्पीड कम होना बेहद कॉमन है। अगर वेब ब्राउजर नहीं खोल रखा है और फिर भी डेस्कटॉप पर पॉप-अप एड दिख रहे हैं, तो इसका मतलब आपके पीसी में एडवेयर इंस्टॉल है। यह प्रोग्राम अनवॉन्टेड एड को डिस्प्ले करता रहता है। ये अनवॉन्टेड एड आपके पीसी की परफॉरमेंस को स्लो करने का काम करते हैं। इसके अलावा, कई एडवेयर एड एनकोडेड होते हैं, जो आपके पीसी की इनफॉरमेशन को हैकर के पास पहुंचाते हैं इससे बचाने के लिए जरूरी है कि कोई थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने से पहले देख लें कि कहीं यह स्पाई सॉफ्टवेयर तो नहीं है। अगर पीसी में एडवेयर की प्रॉब्लम है तो, चेक करें कि कहीं आप फ्री एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर तो इस्तेमाल नहीं कर रहे या फिर यह भी हो सकता है कि वह एक्सपायर हो गया है। अगर ऐसा है, तो नया एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करके पीसी की स्कैन कर लें। अगर इसके बाद भी एडवेयर पीसी में मौजूद रहता है, तो फ्री मलवेयरबाइट्स एंटी-मलवेयर यूटीलिटी टूल को इंस्टाल कर लें। यह सॉफ्टवेयर हर तरह के मलवेयर और एडवेयर को रिमूव कर देता है। कई एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर्स भी एंटी-मलवेयर प्रोटेक्शन के साथ आते हैं।
www.malwarebytes.org

PC को करें Defragment
समय-समय पर पीसी को डीफ्रैगमेंट करना जरूरी होता है। डीफ्रैगमेंटेशन प्रॉसेस आपकी हार्ड ड्राइव में सेव कंटेंट को ऑर्गेनाइज करता है, इससे ड्राइव स्टोर फाइल्स को कम समय में एक्सेस करने में मदद मिलती है। रोबस्ट डिफ्रैगलर टूल की मदद से हार्ड ड्राइव या किसी स्पेसिफिक फोल्डर को डीफ्रैग कर सकते हैं। इस टूल में मौजूद ड्राइव मैप की मदद से यह पता चल जाता है कि आपकी हार्ड ड्राइव में कितना स्पेस यूटिलाइज हुआ है। मैक पीसी को डीफ्रैग करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि उसका ओएस ऑटोमेटिकली 20 एमबी से कम साइज वाली फाइल्स को डीफ्रैग कर देता है। वहीं, अगर आप पेन ड्राइव या एक्सटर्नल हार्ड डिस्क यूज कर रहे हैं, तो आपको उन्हें डीफ्रैग करने की कोई जरूरत नहीं है।

बढ़ाएं रैम
कम रैम यानी रैपिड एक्शन मेमोरी होने से भी पीसी की परफॉरमेंस अफेक्ट होती है। खासतौर पर तब, जब आप एक ही समय में मल्टीपल एप्लीकेशंस रन कर रहे हों, वीडियो एडिटिंग कर रहे हों या पीसी पर गेम खेल रहे हैं। 32-बिट वर्जन की विंडोज को कम से कम 2 से 4 जीबी रैम की जरूरत होती है। वहीं, 64-बिट वर्जन की विंडोज में 4 जीबी से 8 जीबी तक की रैम होना जरूरी है। ज्यादा रैम का मतलब है हार्ड ड्राइव में सेव फाइल्स को ओपन होने में कम समय लगता है और इससे परफॉरमेंस अच्छी होती है। लेकिन इससे पहले यह चैक जरूर कर लें कि आपके चिपसेट में रैम अपग्रेडेशन का ऑप्शन है या नहीं। 


रजिस्ट्री किलर
करप्ट रजिस्ट्री भी आपके पीसी की परफॉरमेंस को अफेक्ट करती है। रजिस्ट्री रिपेयर सॉफ्टवेयर की मदद से आप करप्ट रजिस्ट्री फाइल्स की रिपेयर कर सकते हैं। ये सॉफ्टवेयर सिस्टम रजिस्ट्री को स्कैन करके कॉमन इश्यूज को सर्च करके उन्हें फिक्स कर देता है। इसमें रजिस्ट्री के बैकअप लेने का भी ऑप्शन होता है। अगर किसी वजह से सिस्टम में कोई प्रॉब्लम आती है, तो बैकअप रिस्टोरेशन उसे ओरिजनल स्टेट में रख सकते हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम कन्फिगुरेशन टूल
बूट-अप प्रॉसेस के दौरान कई एप्लीकेशंस और सर्विसेज ऑटोमेटिक स्टार्ट हो जाती हैं, जिससे बूट-अप में वक्त लगता है।
विंडोज-आर को प्रेस करने के बाद रन में एमएसकनफिग टाइप करके इस टूल को एक्सेस कर सकते हैं। इसमें आपको बड़ी सावधानी के साथ एप्लीकेशंस को डिसेबल करना होगा। ध्यान रखें कि माइक्रोसॉफ्ट की सर्विसेज और प्रोग्राम्स को डिसेबल न करें। वहीं अगर आप श्योर नहीं हैं, तो उस प्रोग्राम को डिसेबल न करें। इसके अलावा गूगल, अपडेट, एडोब अपडेट या किसी थर्ड पार्टी प्रोग्राम को डिसेबल कर सकते हैं।

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