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Tuesday 17 September 2013

उत्तर प्रदेश


उत्तर प्रदेश 
(गंगा-यमुना की भूमि)


समय मंडल: IST (UTC +5.30 )
देश
 भारत
क्षेत्र
अवधबघेलखंडब्रजबुंदेलखंड,पूर्वांचलरोहिलखंडगांगेय क्षेत्र
ज़िला
75
राजधानी
लखनऊ
सबसे बड़ा महानगर
कानपुर
राज्यपाल
बनवारी लाल जोशी
मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव
विधान सभा(सीटें)
द्विसदनीय (404 + 108 = 512)
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
80
उच्च न्यायालय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय

जनसंख्या
• घनत्व
19,95,81,477(पहला)
• 828 /कि.मी. (2,145 /वर्ग मी.)
लिंगानुपात
908 / 1000 /
साक्षरता
• पुरुष
• महिला
69.72%
• 79.24%
• 59.26%
आधिकारिक भाषा
हिन्दी,
क्षेत्रफल
2,38,566 कि.मी² (92,111 वर्ग मील)
मौसम
तापमान
• ग्रीष्म
• शीत

•      31 °C (88 °F)
•      46 °C (115 °F)
•      6 °C (43 °F)
प्रशासी निकाय
भारत सरकारउत्तर प्रदेश सरकार
आधिकारिक वेबसाईट www.upgov.nic.in


उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार परराज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक  विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं आगरा, अलीगढ, अयोध्या, बरेली, मेरठ, वाराणसीबनारस), गोरखपुर, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, फ़ैज़ाबाद, कानपुर इसके पड़ोसी राज्य हैं उत्तराखंड,हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार उत्तर प्रदेश की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है।
सन 2000 में भारतीय संसद ने उत्तर-प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ीभाग से उत्तरांचल(वर्तमान में उत्तराखंडराज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना के मैदान हैं। लगभग 20 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल भारत का अधिकतम जनसंख्या वाला प्रदेश ही नहीं बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। विश्व में केवल पांच राष्ट्र चीनस्वयं भारतसंयुक्त अमरीका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है।
उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर मे स्थित है। यह राज्य उत्तर मे नेपालतिब्बत दक्षिण में मध्य प्रदेशपश्चिम में हरियाणादिल्लीराजस्थान तथा पूर्व मे बिहार से घिरा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य  238566 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल मे फैला हुआ है यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद मे है। झांसीलखीमपुर खीरीवाराणसीइलाहाबादफैजाबादआज़मगढ़बरेलीमेरठमुज्ज़फरनगरमुरादाबादगाजियाबादअलीगढगोरखपुरसहारनपुरमथुरानॉएडा यहाँ के मुख्य शहर है।

इतिहास
उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना हैजब आर्यों ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा। इस समय वेदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश मे इसका जन्म हुआ। आर्यों का फ़ैलाव सिन्धु नदी और सतलुज के मैदानी भागों से यमुना और गंगा के मैदानी क्षेत्र की ओर हुआ। आर्यों ने दोब (दो-आबयमुना और गंगा का मैदानी भागऔर घाघरा नदीक्षेत्र को अपना घर बनाया। इन्ही आर्यों के नाम पर भारत देश का नाम आर्यावर्त या भारतवर्ष (भारत आर्यों के एक प्रमुख राजा थेपड़ा। समय के साथ आर्य भारत के दूरस्थ भागों में फ़ैल गये। संसार के प्राचीनतम शहरों में एक माना जाने वाला वाराणसी शहर यहीं पर स्थित है। वाराणसी के पास स्थित सारनाथ का चौखन्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है। समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया या फिर बड़े साम्राज्योंगुप्तामोर्या और कुषाण का हिस्सा बन गया। ७वी शताब्दी में कन्नौज गुप्ता साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था।
हिन्दू-बौद्ध काल
सातवीं शताब्दी पूके अन्त से भारत और उत्तर प्रदेश का व्यवस्थित इतिहास आरम्भ होता हैजब उत्तरी भारत में 16 महाजनपद श्रेष्ठता की दौड़ में शामिल थेइनमें से सात वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत थे। बुद्ध ने अपना पहला उपदेश वाराणसी (बनारसके निकट सारनाथ में दिया और एक ऐसे धर्म की नींव रखीजो  केवल भारत मेंबल्कि चीन  जापानजैसे सुदूर देशों तक भी फैला। कहा जाता है कि बुद्ध को कुशीनगर में परिनिर्वाण (शरीर से मुक्त होने पर आत्मा की मुक्तिप्राप्त हुआ थाजो पूर्वी ज़िले KUSHINAGAR में स्थित है। पाँचवीं शताब्दी पूसे छठी शताब्दी तक उत्तर प्रदेश अपनी वर्तमान सीमा से बाहर केन्द्रित शक्तियों के नियंत्रण में रहापहले मगधजो वर्तमान बिहार राज्य में स्थित थाऔर बाद में उज्जैनजो वर्तमान मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। इस राज्य पर शासन कर चुके इस काल के महान शासकों में चन्द्रगुप्त प्रथम (शासनकाल लगभग 330-380 .)  अशोक (शासनकाल लगभग 268 या 265-238), जो मौर्य सम्राट थे और समुद्रगुप्त (लगभग 330-380 .) और चन्द्रगुप्त द्वितीय हैं (लगभग 380-415 ., जिन्हें कुछ विद्वान विक्रमादित्य मानते हैं) एक अन्य प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन (शासनकाल 606-647) थे। जिन्होंने कान्यकुब्ज (आधुनिक कन्नौज के निकटस्थित अपनी राजधानी से समूचे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब औरराजस्थानके कुछ हिस्सों पर शासन किया।
इस काल के दौरान बौद्ध और हिन्दू (ब्राह्मणसंस्कृतिदोनों का उत्कर्ष हुआ। अशोक के शासनकाल के दौरान बौद्ध कला के स्थापत्य  वास्तुशिल्प प्रतीक अपने चरम पर पहुँचे। गुप्त काल(लगभग 320-550) के दौरान हिन्दू कला का भी अधिकतम विकास हुआ। लगभग 647 में हर्ष की मृत्यु के बाद हिन्दूवाद के पुनरुत्थान के साथ ही बौद्ध धर्म का धीरे-धीरे पतन हो गया। इस पुनरुत्थान के प्रमुख रचयिता दक्षिण भारतमें जन्मे शंकर थेजो वाराणसी पहुँचेउन्होंने उत्तर प्रदेश के मैदानों की यात्रा की और हिमालय में बद्रीनाथ में प्रसिद्ध मन्दिरकी स्थापना की। इसे हिन्दू मतावलम्बी चौथा एवं अन्तिम मठ (हिन्दू संस्कृति का केन्द्रमानते हैं।
मुस्लिम काल
इस क्षेत्र में हालांकि 1000-1030 तक विदेशी आक्रमणकारी मुसलमानों का आगमन हो चुका था जो भारत को लूटने के मकसद से आये थे , लेकिन उत्तरी भारत में 12वीं शताब्दी के अन्तिम दशक के बाद ही मुस्लिम शासन स्थापित हुआजब मुहम्मद ग़ोरी ने गहड़वालों (जिनका उत्तर प्रदेश पर शासन थाऔर अन्य प्रतिस्पर्धी वंशों को हराया था। लगभग 650 वर्षों तक अधिकांश भारत की तरह उत्तर प्रदेश पर भी किसी  किसी मुस्लिम वंश का शासन रहाजिनका केन्द्र दिल्ली या उसके आसपास था। 1526 में बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराया और सर्वाधिक सफल मुस्लिम वंशमुग़ल वंश की नींव रखी। इस साम्राज्य ने 350 वर्षों से भी अधिक समय तक उपमहाद्वीप पर शासन किया। इस साम्राज्य का महानतम काल अकबर (शासनकाल 1556-1605 .) से लेकर औरंगजेब आलमगीर (1707) का काल थाजिन्होंने आगरा के पास नई शाही राजधानी फ़तेहपुर सीकरी का निर्माण किया। उनके पोते शाहजहाँ (शासनकाल 1628-1658 .) ने आगरा में ताजमहल जिसे ओक ने यह दावा किया हैकि ताजमहलमूलतः एक शिव मन्दिर या एक राजपूताना महल थाजिसका नाम तेजो महालय था जिसे शाहजहाँ ने कब्ज़ा करके एक मकबरे में बदल दिया। और कहा जाता है की शाहजहाँ ने (अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया गया मक़बराजो प्रसव के दौरान चल बसी थींबनवायाजो विश्व के महानतम वास्तुशिल्पीय नमूनों में से एक है। शाहजहाँ ने आगरा  दिल्ली में भी वास्तुशिल्प की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण इमारतें बनवाईं थीं। मुस्लिम काल के भारत को ही अँगरेज़ सोने की चिड़िया कहा करते थे लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता विदेशी मुस्लिम लूटेरो ने इस सोने की चिड़िया को बार बार लूटा और यहाँ की पुरानी इमारतो को खँडहर बना दिया उत्तर प्रदेश के बहुत सारे मंदिर इसके जीते जागते उदहारण है |
उत्तर प्रदेश में केन्द्रित मुग़ल साम्राज्य ने एक नई मिश्रित संस्कृति के विकास को प्रोत्साहित किया। अकबर इसके महानतम प्रतिपादक थेजिन्होंने बिना किसी भेदभाव के अपने दरबार मेंवास्तुशिल्प, साहित्य, चित्रकला और संगीत विशेषज्ञों को नियुक्त किया था। भारत के विभिन्न मत और इस्लाम के मेल ने कई नए मतों का विकास कियाजो भारत की विभिन्न जातियों के बीच आम सहमति क़ायम करना चाहते थे। भक्ति आन्दोलन के संस्थापक रामानन्द (लगभग 1400-1470 .), जिनका दावा था किमुक्ति लिंग या जाति पर आश्रित नहीं है और सभी धर्मों के बीच अनिवार्य एकता की शिक्षा देने वाले कबीर ने उत्तर प्रदेश में मौजूद धार्मिक सहिष्णुता के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई केन्द्रित की। 18वीं शताब्दी में मुग़लों के पतन के साथ ही इस मिश्रित संस्कृति का केन्द्र दिल्ली से लखनऊ चला गयाजो अवध के नवाब के अन्तर्गत था और जहाँ साम्प्रदायिक सदभाव के माहौल में कलासाहित्यसंगीत और काव्य का उत्कर्ष हुआ।
ब्रिटिश काल
लगभग 75 वर्ष की अवधि में वर्तमान उत्तर प्रदेश के क्षेत्र का ईस्ट इण्डिया कम्पनी (ब्रिटिश व्यापारिक कम्पनीने धीरे-धीरे अधिग्रहण किया। विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गयालेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता थागठित किया गया। 1856 में कम्पनी ने अवध पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूपके नाम से इसे 1877 में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।
1857-1859 के बीच ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध हुआ विद्रोह मुख्यतपश्चिमोत्तर प्रान्त तक सीमित था। 10 मई, 1857 को मेरठ में सैनिकों के बीच भड़का विद्रोह कुछ ही महीनों में 25 से भी अधिक शहरों में फैल गया। 1858 में विद्रोह के दमन के बाद पश्चिमोत्तर और शेष ब्रिटिश भारत का प्रशासन ईस्ट इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश ताज को हस्तान्तरित कर दिया गया। 1880 के उत्तरार्द्ध में भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के साथ संयुक्त प्रान्त स्वतंत्रता आन्दोलन में अग्रणी रहा। प्रदेश ने भारत को मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, जवाहरलाल नेहरूऔर पुरुषोत्तमदास टंडन जैसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रवादी राजनीतिक नेता दिए। 1922 में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने के लिए किया गया महात्मा गांधी का असहयोग आन्दोलन पूरे संयुक्त प्रान्त में फैल गयालेकिन चौरी चौरागाँव (प्रान्त के पूर्वी भाग मेंमें हुई हिंसा के कारण महात्मा गांधी ने अस्थायी तौर पर आन्दोलन को रोक दिया। संयुक्त प्रान्त मुस्लिम लीग की राजनीति का भी केन्द्र रहा। ब्रिटिश काल के दौरान रेलवे,नहरऔर प्रान्त के भीतर ही संचार के साधनों का व्यापक विकास हुआ। अंग्रेज़ों ने यहाँ आधुनिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया और यहाँ पर लखनऊ विश्वविद्यालय (1921 में स्थापितजैसे विश्वविद्यालय  कई महाविद्यालय स्थापित किए।
प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम
सन १८५७ में अन्ग्रेज़ी फौज के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। यह विद्रोह एक साल तक चला और अधिकतर उत्तर भारत में फ़ैल गया। इसे भारत का प्रथम स्वतन्त्रता सन्ग्राम कहा गया। इस विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ शहर में हुआ। इस का कारण अंग्रेज़ों द्वारा गाय और सुअर की चर्बी से युक्त कारतूस देना बताया गया। इस संग्राम का एक प्रमुख कारण डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति भी थी। यह लड़ाई मुख्यतः दिल्ली,लखनऊ,कानपुर,झाँसी और बरेली में लड़ी गयी। इस लड़ाई में झाँसीकी रानी लक्ष्मीबाईअवध की बेगम हज़रत महलबख्त खान, [नाना साहेब]], मौल्वी अहमदुल्ला शाह्राजा बेनी माधव सिंह्अजीमुल्लाह खान और अनेक देशभक्तों ने भाग लिया।
बीसवीं सदी
सन १९०२ में नार्थ वेस्ट प्रोविन्स का नाम बदल कर यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा गया। सन १९२० में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से लखनऊ कर दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक् न्यायपीठ स्थापित की गयी।
स्वतंत्रता पश्चात का काल
1947 में संयुक्त प्रान्त नव स्वतंत्र भारतीय गणराज्य की एक प्रशासनिक इकाई बना। दो साल बाद इसकी सीमा के अन्तर्गत स्थितटिहरी गढ़वाल और रामपुर के स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में शामिल कर लिया गया। 1950 में नए संविधान के लागू होने के साथ ही 12 जनवरी सन 1950 को इस संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह भारतीय संघ का राज्य बना। स्वतंत्रता के बाद से भारत में इस राज्य की प्रमुख भूमिका रही है। इसने देश को जवाहर लाल नेहरू और उनकी पुत्री इंदिरा गांधी सहित कई प्रधानमंत्रीसोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक आचार्य नरेन्द्र देवजैसे प्रमुख राष्ट्रीय विपक्षी (अल्पसंख्यकदलों के नेता और भारतीय जनसंघबाद में भारतीय जनता पार्टी  प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता दिए हैं। राज्य की राजनीतिहालांकि विभाजनकारी रही है और कम ही मुख्यमंत्रियों ने पाँच वर्ष की अवधि पूरी की है। गोविंद वल्लभ पंत इस प्रदेश के प्रथम मुख्य मन्त्री बने। अक्टूबर 1963 में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश एवम भारत की प्रथम महिला मुख्य मन्त्री बनी।
सन 2000 में पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र स्थित गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर एक नये राज्य उत्तरांचल का गठन किया गया जिसका नाम बाद में बदल कर उत्तराखण्ड कर दिया गया है।
मायावती पहली दलित महिला हैं जो भारत के किसी राज्य की मुख्यमन्त्री बनीं हैं।

राज्य का विभाजन
उत्तर प्रदेश के गठन के तुरन्त बाद उत्तराखण्ड क्षेत्र (गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र द्वारा निर्मितमें समस्याएँ उठ खड़ी हुईं। इस क्षेत्र के लोगों को लगा किविशाल जनसंख्या और वृहद भौगोलिक विस्तार के कारण लखनऊ में बैठी सरकार के लिए उनके हितों की देखरेख करना सम्भव नहीं है। बेरोज़गारीग़रीबों और सामान्य व्यवस्था  पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं की कमी और क्षेत्र के अपेक्षाकृत कम विकास ने लोगों को एक अलग राज्य की माँग करने पर विवश कर दिया। शुरू-शुरू में विरोध कमज़ोर थालेकिन 1990 के दशक में इसने ज़ोर पकड़ा  आन्दोलन तब और भी उग्र हो गयाजब 2 अक्टूबर 1994 को मुज़फ़्फ़रनगर में इस आन्दोलन के एक प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए। अन्ततनवम्बर, 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से उत्तरांचल के नए राज्य काजिसमें कुमाऊं और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थेगठन किया गया।
उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित कुछ तथ्य
सम्भागोँ की संख्या- 18 
जिलोँ की संख्या- 75 
तहसीलोँ की संख्या- 312 
विश्वविद्यालयोँ की संख्या- 30 
विधानमण्डलद्विसदनात्मक
विधान सभा सदस्योँ की संख्या 404 
विधान परिषद सदस्योँ की संख्या100 
लोकसभा सदस्योँ की संख्या- 80 
राज्यसभा सदस्योँ की संख्या- 31 
उच्च न्यायालयइलाहाबाद (खण्डपीठलखनऊ)
भाषाहिन्दी (उर्दू दूसरी राजभाषा)
राजकीय पशुबारहसिंगा
राजकीय पक्षीसारस या क्रौँच
राजकीय पेड़अशोक
राजकीय पुष्पपलाश
राजकीय चिन्हमछली एवँ तीर कमान
स्थापना दिवस- 1 नवम्बर, 1956 
भूगोल
उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है। प्रदेश के उत्तरी एवम पूर्वी भाग की तरफ़ पहाड़ तथा पश्चिमी एवम मध्य भाग में मैदान हैं। उत्तर प्रदेश को मुख्यतः तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है।
1.   उत्तर में हिमालय का क्षेत्र यह् क्षेत्र बहुत ही ऊंचा-नीचा और प्रतिकूल भू-भाग है। यह क्षेत्र अब उत्तरांचल के अन्तर्गत आता है। इस क्षेत्र की स्थलाकृति बदलाव युक्त है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 300  से 5000 मीटर तथा ढलान 150 से 600 मीटर/किलोमीटर है।
2.   मध्य में गंगा का मैदानी भाग यह क्षेत्र अत्यन्त ही उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का क्षेत्र है। इसकी स्थलाकृति सपाट है। इस क्षेत्र में अनेक तालाबझीलें और नदियाँ हैं। इसका ढलान 2 मीटर/किलोमीटर है।
3.   दक्षिण का विन्ध्याचल क्षेत्र यह एक पठारी क्षेत्र हैतथा इसकी स्थलाकृति पहाड़ोंमैंदानों और घाटियों से घिरी हुई है। इस क्षेत्र में पानी कम मात्रा में उप्लब्ध है।
यहाँ की जलवायु मुख्यतः उष्णदेशीय मानसून की है परन्तु समुद्र तल से ऊँचाई बदलने के साथ इसमें परिवर्तन होता है। उत्तर प्रदेश  राज्यों - उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार से घिरा राज्य है
भूगोलीय तत्व
उत्तर प्रदेश के प्रमुख भूगोलीय तत्व इस प्रकार से हैं-
·         भूमि -
भू-आकृति - उत्तर प्रदेश को दो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों, गंगा के मध्यवर्ती मैदान और दक्षिणी उच्चभूमि में बाँटा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा गंगा के मैदान में है। मैदान अधिकांशतगंगा  उसकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ अवसादों से बने हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में उतार-चढ़ाव नहीं हैयद्यपि मैदान बहुत उपजाऊ हैलेकिन इनकी ऊँचाई में कुछ भिन्नता हैजो पश्चिमोत्तर में 305 मीटर और सुदूर पूर्व में 58 मीटर है। गंगा के मैदान की दक्षिणी उच्चभूमि अत्यधिक विच्छेदित और विषम विंध्य पर्वतमाला का एक भाग हैजो सामान्यतदक्षिण-पूर्व की ओर उठती चली जाती है। यहाँ ऊँचाई कहीं-कहीं ही 305 से अधिक होती है।
·         नदियाँ
उत्तर प्रदेश में अनेक नदियाँ है जिनमें गंगा, घाघरा, गोमती, यमुना, चम्बल, सोन आदि मुख्य है। प्रदेश के विभिन्न भागों में प्रवाहित होने वाली इन नदियों के उदगम स्थान भी भिन्न-भिन्न हैअतः इनके उदगम स्थलों के आधार पर इन्हें निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।
हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ गंगा के मैदानी भाग से निकलने वाली नदियाँ दक्षिणी पठार से निकलने वाली नदियाँ
·         झील
उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप निर्मित हुई हैं।
·         नहर
नहरों के वितरण एवं विस्तार  दृष्टि से उत्तर प्रदेश का अग्रणीय स्थान है। यहाँ की कुल सिंचित भूमि का लगभग 30 प्रतिशत भाग नहरों के द्वारा सिंचित होता है। यहाँ की नहरें भारत की प्राचीनतम नहरों में से एक हैं।
·         अपवाह
यह राज्य उत्तर में हिमालय और दक्षिण में विंध्य पर्वतमाला से उदगमित नदियों के द्वारा भली-भाँति अपवाहित है। गंगा एवं उसकी सहायक नदियोंयमुना नदीरामगंगा नदीगोमती नदीघाघरा नदी और गंडक नदी को हिमालय के हिम से लगातार पानी मिलता रहता है। विंध्य श्रेणी से निकलने वाली चंबल नदीबेतवा नदी और केन नदी यमुना नदी में मिलने से पहले राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में बहती है। विंध्य श्रेणी से ही निकलने वाली सोन नदी राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में बहती है और राज्य की सीमा से बाहर बिहार में गंगा नदी से मिलती है।
·         मृदा
उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल का लगभग दो-तिहाई भाग गंगा तंत्र की धीमी गति से बहने वाली नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी की गहरी परत से ढंका है। अत्यधिक उपजाऊ यह जलोढ़ मिट्टी कहीं रेतीली हैतो कहीं चिकनी दोमट। राज्य के दक्षिणी भाग की मिट्टी सामान्यतया मिश्रित लाल और काली या लाल से लेकर पीली है। राज्य के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में मृदा कंकरीली से लेकर उर्वर दोमट तक हैजो महीन रेत और ह्यूमस मिश्रित हैजिसके कारण कुछ क्षेत्रों में घने जंगल हैं।
·         जलवायु
उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 सेरहता हैजबकि मई-जून में यह 27.50 से 32.50 सेके बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमीपश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमीकी ओर वर्षा कम होती जाती है। राज्य में लगभग 90 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान होती हैजो जून से सितम्बर तक होती है। वर्षा के इन चार महीनों में होने के कारण बाढ़ एक आवर्ती समस्या हैजिससे ख़ासकर राज्य के पूर्वी हिस्से में फ़सलजनजीवन  सम्पत्ति को भारी नुक़सान पहुँचता है। मानसून की लगातार विफलता के परिणामस्वरूप सूखा पड़ता है  फ़सल का नुक़सान होता है।
·         वनस्पति एवं प्राणी जीवन
राज्य में वन मुख्यतदक्षिणी उच्चभूमि पर केन्द्रित हैंजो ज़्यादातर झाड़ीदार हैं। विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण इस क्षेत्र का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेरतेंदुआहाथीजंगली सूअरघड़ियाल के साथ-साथ कबूतरफ़ाख्ताजंगली बत्तख़तीतरमोरकठफोड़वानीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँजैसे-गंगा के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्यऔर 'दुधवा अभयारण्यसहित कई अभयारण्य स्थापित किए हैं।

जनजीवन
इससे एक अलग राज्य के गठन होने के बावजूद उत्तर प्रदेश अभी भी जनसंख्या के मामले में सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से काफ़ी आगे है। 2001 की जनगणना के अनुसारराज्य की जनसंख्या 25.80 प्रतिशत बढ़ी। जनसंख्या का लौकिक अनुपात (प्रति 1000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या) 898 दर्ज किया गया हैजो 1991 के 876 के मुक़ाबले बेहतर है। गंगा का मैदानजहाँ जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक हैराज्य की 80 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या का भरण-पोषण करता है। इसकी तुलना में हिमालय क्षेत्र  दक्षिणी उच्चभूमि में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है।
अर्थव्यवस्था
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं-
·         संसाधन
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यतकृषि प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशतसे अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिकाचूना पत्थर  कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सममैग्नेटाइटफ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं।
·         कृषि एवं वानिकी
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। चावलगेहूँज्वारबाजराजौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ  चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोगउर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैंआर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधनराज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन  डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालांकि प्रति गाय दूध का उत्पादन कम है।
·         उद्योग
राज्य में काफ़ी समय से मौजूद वस्त्र उद्योग  चीनी प्रसंस्करण उद्योग में राज्य के कुल मिलकर्मियों का लगभग एक-तिहाई हिस्सा लगा है। राज्य की अधिकांश मिलें पुरानी  अक्षम हैं। अन्य संसाधन आधारित उद्योगों में वनस्पति तेलजूट  सीमेंट उद्योग शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरणमशीनेंइस्पातवायुयानटेलीफ़ोनइलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं। यहाँ मथुरा में एक तेल परिष्करणशाला और राज्य के दक्षिण-पूर्वी मिर्ज़ापुर ज़िले में कोयला क्षेत्र का विकास केन्द्र सरकार की दो प्रमुख परियोजनाएँ हैं। राज्य सरकार ने मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
हस्तशिल्पक़ालीनपीतल की वस्तुएँजूते-चप्पलचमड़े  खेल का सामान राज्य के निर्यात में प्रमुखता के साथ योगदान देते हैं। भदोई  मिर्ज़ापुर के क़ालीन दुनिया भर में सराहे जाते हैं। पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरेंवाराणसी का रेशम  ज़री का काममुरादाबाद की पीतल की ख़ूबसूरत वस्तुएँलखनऊ की चिकनकारीनगीना का आबनूस की लकड़ी का कामफ़िरोज़ाबाद की काँच की वस्तुएँ और सहारनपुर का नक़क़ाशीदार लकड़ी का काम भी उल्लेखनीय है। सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों की संख्या उत्तर प्रदेश में ही सबसे अधिक है। देश के विकास में इस प्रदेश का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश बिजली की भीषण कमी का शिकार है। 1951 से स्थापित अन्य विद्युत उत्पादन केन्द्रों से क्षमता बढ़ी हैलेकिन माँग और आपूर्ति के बीच अन्तर बढ़ता ही जा रहा है। भारत के अधिकतम तापविद्युत केन्द्रों में से एक ओबरा-रिहंद (दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश), राज्य के कई अन्य हिस्सों में स्थित विभिन्न पनबिजली संयंत्रों और बुलंदशहर के परमाणु बिजलीघर में बिजली का उत्पादन किया जाता है। वर्ष 2004-05 में उत्तर प्रदेश में कुल 5,21,835 लघु उद्योग इकाइयाँ थींजिनमें लगभग 5,131 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश था और लगभग 20,01,000 लोग काम कर रहे थे। वर्ष 2004-05 में राज्य में लगभग 45.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य में 68 कपड़ा मिलें और 32 आटोमोबाइल के कारखाने हैंजिनमें 5,740 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश है। सन् 2011 तक 'नोएडा प्राधिकरणके अंतर्गत 102 सेक्टर विकसित करने की योजना चल रही है। इस प्राधिकरण में औद्योगिक क्षेत्रआवासीय क्षेत्रग्रुप हाउसिंग क्षेत्रआवासीय भवनव्यावसायिक परिसंपत्तियां और संस्थागत शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की भांति ही राज्य में अन्य स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।
'==उद्योग --'वैसे तो यहाँ उद्योगों के लिए काफी संभावना है और कई बड़े उद्योग यहाँ लगे हुए है वैसे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पहली आयुर्वेदिक दवा उद्योग की स्थापना की न्यू इंडिया फार्मास्युटिकल्स नाम से यह ओधोगिक ईकाई करीब सौ से अधिक दवा का उत्पादन कर रही है टेबलेट सिरप के साथ साथ कई अन्य दवा का निर्माण यहाँ होता है हालाकि अभी यह समूह अपनी पूरी ताकत से विस्तार की और अगसर है और इसे जागरूक लोगो की जरुरत है जो इसके उत्पादन को भारतीय बाज़ार में पंहुचा सके श्री पाठक से आप उनके मोबाइल 9415175899 पर संपर्क कर सकते है
यातायात और परिवहन
राज्य के प्रमुख शहर  नगर सड़कों  रेल सम्पर्क से जुड़े हैंफिर भी आमतौर पर सड़कों की स्थिति ख़राब है और रेल की पटरियों की भिन्न लाइनों (बड़ी और छोटीके बीच सामंजस्य  होने के कारण रेल प्रणाली भी प्रभावित हुई है। लखनऊ उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर वायुमार्ग द्वारा दिल्ली  भारत के अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। राज्य के भीतर के परिवहन तंत्र में गंगायमुना और घाघरा नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
·         सड़कें
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की कुल लंबाई 1,18,946 किलोमीटर है। इसमें 3,869 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 9,097 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग, 1,05,980 किलोमीटर अन्य ज़िला सड़कें और 72,931 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हैं।
·         रेलवे मार्ग
रेलवे का उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन राजधानी लखनऊ है। अन्य महत्त्वपूर्ण रेल जंक्शनआगराकानपुरइलाहाबादमुग़लसरायझाँसीमुरादाबादवाराणसीटूंडलागोरखपुरगोंडाफ़ैज़ाबादबरेली और सीतापुर हैं।
·         उड्डयन विभाग
प्रदेश में लखनऊकानपुरवाराणसीइलाहाबादआगराझांसीबरेलीग़ाज़ियाबादगोरखपुरसहारनपुर और रायबरेली में हवाई अड्डे हैं।
आवासीन रचना
राज्य की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण आवासों की विशेषताएँ हैं-राज्य के पश्चिमी हिस्से में पाए जाने वाले घने बसे हुए गाँवपूर्वी क्षेत्र में पाए जाने वाले छोटे गाँव और मध्य क्षेत्र में दोनों का समूह होता हैजिसकी छत फूस या मिट्टी के खपड़ों से बनी होती है। इन मकानों में हालांकि आधुनिक जीवन की बहुत कम सुविधाएँ हैंलेकिन शहरों के पास बसे कुछ गाँवों में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। सीमेंट से बने घरपक्की सड़केंबिजलीरेडियोटेलीविजन जैसी उपभोक्ता वस्तुएँ पारम्परिक ग्रामीण जीवन को बदल रही हैं। शहरी जनसंख्या का आधे से अधिक हिस्सा एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रहता है। लखनऊवाराणसी (बनारस), आगरा,कानपुर और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश के पाँच सबसे बड़े नगर हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र में स्थित प्रमुख औद्योगिक शहर है। कानपुर के पूर्वोत्तर में 82 किमीकी दूरी पर राज्य की राजधानी लखनऊ स्थित है। हिन्दुओं का सर्वाधिक पवित्र शहर वाराणसी विश्व के प्राचीनतम सतत आवासीय शहरों में से एक है। एक अन्य पवित्र शहर इलाहाबाद गंगायमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित आगरा में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा ताजमहल स्थित है। यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।

हिन्दी भाषा की जन्मस्थली
उत्तर प्रदेश भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी की जन्मस्थली है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक खड़ी बोली का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानीधारण नहीं किया था। वाराणसी केभारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1885 .) उन अग्रणी लेखकों में से थेजिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था।
सांस्कृतिक जीवन
उत्तर प्रदेश विश्व के सभी हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। वैदिक साहित्य महाकाव्य रामायण और महाभारत(जिसमें श्रीमद्भागवदगीता शामिल हैके उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में है। बौद्ध-हिन्दू काल (लगभग 600 पू.-1200 .) के ग्रन्थों  वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ (वाराणसी के निकट सारनाथ में स्थितपर आधारित है। वास्तुशिल्पचित्रकारीसंगीतनृत्यकला और दो भाषाएँ (हिन्दी  उर्दू) मुग़ल कालके दौरान यहाँ पर फली-फूली। इस काल के चित्रों में सामान्यतया धार्मिक  ऐतिहासिक ग्रन्थों का चित्रण है। यद्यपि साहित्य  संगीत का उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में किया गया है और माना जाता है कि गुप्त काल (लगभग 320-540) में संगीत समृद्ध हुआ। संगीत परम्परा का अधिकांश हिस्सा इस काल के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित हुआ। तानसेन  बैजू बावरा जैसे संगीतज्ञ मुग़ल शहंशाहअकबर के दरबार में थेजो राज्य  समूचे देश में आज भी विख्यात हैं। भारतीय संगीत के दो सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य सितार (वीणा परिवार का तंतु वाद्यऔर तबले का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ। 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश मेंवृन्दावन  मथुरा के मन्दिरों में भक्तिपूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तरी भारत की शास्त्रीय नृत्य शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय गीत  नृत्य भी हैं। सबसे प्रसिद्ध लोकगीत मौसमों पर आधारित हैं.
त्योहार
समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
·     इलाहाबाद में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है।
·     इसके अतिरिक्त इलाहाबाद में प्रत्येक 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
·     इलाहाबाद में ही प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में माघ मेला भी आयोजित किया जाता हैजहां बडी संख्या       में लोग संगम में नहाते हैं।
·     अन्य मेलों में मथुरा, वृन्दावन में अनेक पर्वों के मेले और झूला मेले लगते हैंजिनमें प्रभु की प्रतिमाओं   को सोने एवं चांदी के झूलों में रखकर झुलाया जाता है। ये झूला मेले लगभग एक पखवाडे तक चलते हैं।
·     कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है और इसके लिए गढ़मुक्तेश्वर, सोरों, राजघाट, काकोरा, बिठूर, कानपुरइलाहाबादवाराणसी में बडी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
·     आगरा ज़िले के बटेश्वर कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है।
·     बाराबंकी ज़िले का देवा मेला मुस्लिम संत वारिस अली शाह के कारण काफ़ी प्रसिद्ध है।
·     इसके अतिरिक्त यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ  मनाया जाता है।
पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।
           श्री गणेश मंदिर , झाँसी
·         ताजमहल, आगरा
·         प्राचीन तीर्थ स्थानों में वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट, प्रयाग, मथुरा, वृन्दावन, देवा शरीफ आदि है।
·         फ़तेहपुर सीकरी में शेख़ सलीम चिश्ती की दरगाह
·         सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर,संकिसा / बसंतपुर (ज़िला एटाउत्तर प्रदेश), कांपिलवर्तमान फ़र्रूख़ाबाद,      पिपरावा और कौशांबी प्रमुख हैं।
·        आगरा, सारनाथ, वाराणसी, लखनऊ, झांसी[[चित्र:श्री गणेश मंदिर , झाँसी.jpg|thumb|श्री गणेश मंदिर , झाँसी]], गोरखपुर, जौनपुर, कन्नौज, महोबा , देवगढ, बिठूर और विंध्याचलहिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
·         उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में मत्स्येंद्रनाथ (पाटननामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।

सिंचाई और बिजली
·         14 जनवरी, 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्डका पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादनतथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगमको स्थापित किया गया है।
·         2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयर तक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
·         'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्डकी स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थीजो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई

साहित्य
वैसे तो भारत देश साधू संत महात्माओं का देश रहा है जिन्होंने आध्यात्म के क्षेत्र में दुनिया में परचम लहरायाहिन्दी साहित्य के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँदो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास , कबीरदास , सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्रआचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदीआचार्य राम चन्द्र शुक्लमुँशी प्रेमचंदजयशंकर प्रसाद , सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्तमैथलीशरण गुप्तसोहन लाल द्विवेदीहरिवंशराय बच्चनमहादेवी वर्माराही मासूम रजाअज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जायेउर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश काफिराक़जोश मलीहाबादीअकबर इलाहाबादीनज़ीरवसीम बरेलवीचकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैंहिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।
संगीत
संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं यह तीन प्रकार में बांटा जा सकता है
पारंपरिक संगीत एवं लोक संगीत : यह संगीत और गीत पारंपरिक मौको शादी विवाहहोलीत्योहारों आदि समय पर गया जाता है
शास्त्रीय संगीत : उत्तर प्रदेश उत्तक्रिष्ठ गायन और वादन की परंपरा रही है.
हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत : इस प्रकार का संगीत उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय.
पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं। 
.         ताजमहलआगरा,
·         प्राचीन तीर्थ स्थानों में वाराणसीविंध्याचलचित्रकूटप्रयागमथुरावृन्दावनदेवा शरीफ आदि है।
·         फ़तेहपुर सीकरी में शेख़ सलीम चिश्ती की दरगाह,
·         सारनाथश्रावस्तीकुशीनगरसंकिसा / बसंतपुर (ज़िला एटाउत्तर प्रदेश), कांपिलवर्तमान फ़र्रूख़ाबादपिपरावा और कौशांबी प्रमुख हैं।
·         आगरासारनाथवाराणसीलखनऊझांसीगोरखपुरजौनपुरकन्नौजमहोबा , देवगढबिठूर और विंध्याचल हिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
·         उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में मत्स्येंद्रनाथ (पाटननामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।
·         अन्य महतवपूर्ण स्थान जैसे बेल्हा देवी ,घुइसरनाथ धाम ,चौहरजन देवी,बेल्खार् नाथ धाम इत्यादि 
कथक
कथक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कथक नाम 'कथाशब्द से बना हैइस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करता है। कथक नृत्य का प्रारम्भ - वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३ वी शताब्दी तक आते-आते कथक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा। कथक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए नृत्य किया जाता है। कथक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित बिरजू महाराज हैं। फरी नृत्यजांघिया नृत्यपंवरिया नृत्यकहरवाजोगिरानिर्गुनकजरीसोहरचइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं  लोकरंग सांस्कृतिक समिति इन संस्कृतियों संवर्द्धनसंरक्षण के लिए कार्यरत है।

हस्त शिल्प
फिरोजाबाद की चूड़ियांसहारनपुर का काष्ठ शिल्पपिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरेंवाराणसी की साड़ियाँ तथा रेशम  ज़री का कामलखनऊ का कपड़ों पर चिकन की कढ़ाई का कामरामपुर का पैचवर्कमुरादाबाद के पीतल के बरतनऔरंगाबाद का टेराकोटामेरठ की कैची आदि
जनसंख्या
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार परराज्य है। करीब १९ करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश विश्व का सर्वाधिक आबादी वाला उप राष्ट्रीय इकाई है। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीनस्वयं भारत, सं॰रा॰अमेरिका,इण्डोनेशियाऔर ब्राज़ील की जनसंख्या प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है।

उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं -


1 - आगरा
2 - अलीगढ़
3 - इलाहाबाद
4 - अंबेडकर नगर
5 - औरैया
6 - आजमगढ़
7 - बागपत
8 - बहराइच
9 - बलिया
10 - बलरामपुर
11 - बाँदा
12 - बारा बांकी
13 - बरेली
14 - बस्ती
15 - भीम नगर
16 - बिजनौर
17 - बुदौन
18 - बुलंदशहर
19 - चंदौली
20 - चित्रकूट
21 - देवरिया
22 - एटा
23 - इटावा
24 - फ़ैज़ाबाद
25 - फ़र्रुखाबाद
26 - फ़तेहपुर
27 - फ़िरोज़ाबाद
28 - गौतम बुद्ध नगर
29 - गाज़ियाबाद
30 - गाजीपुर
31 - गोंडा
32 - गोरखपुर
33 - हमीरपुर
34 - हरदोई
35 - हाथरस / महामाया नगर
36 - जालौन
37 - जौनपुर
38 - झांसी
39 - ज्योतिबा फुले नगर / अमरोहा
40 - कन्नौज
41 - कानपुर देहात
42 - कानपुर नगर
43 - कांशीराम नगर
44 - कौशाम्बीस्थिति
45 - खीरी
46 - कुशीनगर
47 - ललितपुर
48 - लखनऊ
49 - महोबा
50 - महाराजगंज
51 - मैनपुरी
52 - मथुरा
53 - मऊ
54 - मेरठ
55 - मिर्ज़ापुर
56 - मुरादाबाद
57 - मुज़फ्फरनगर
58 - पंचशील नगर
59 - पीलीभीत
60 - Prabudh नगर
61 - प्रतापगढ़
62 - रायबरेली
63 - रामपुर
64 - सहारनपुर
65 - संत कबीर नगर
66 - संत रविदास नगर / भदोही
67 - शाहजहाँपुर
68 - शाहूजी महाराज नगर
69 - श्रावस्ती
70 - सिद्धार्थनगर
71 - सीतापुर
72 - सोनभद्र
73 - सुल्तानपुर
74 - उन्नाव
75 - वाराणसी

·         उत्तर प्रदेश मे अब जिलो की संख्या 75 तथा मंडल 18 है
·         भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेशउत्तर प्रदेश है।
·         उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक लोक सभा  राज्य सभा के सदस्य चुने जाते हैं।
·         उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जिलों वाला प्रदेश है।
·         उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटे है।
·         उत्तर प्रदेश में स्थित इलाहाबाद  उच्च न्यायालय  एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है।
·         उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिलादेश का एक मात्र ऐसा जिला है जिसकी सीमाएँ चार प्रदेशों को छूती है।

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