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Thursday 19 September 2013

हंसी का खज़ाना || शादी के बाद II

पति के विचार, पत्नी के लिये. (शादी के दस साल बाद)

परी के जैसी लाया था – अब देखो उसका पारा
छोटी सी दूकान मेरी – अब लगाती शोपिंग माल
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ए के 47 थी – अब देखो तोप सी हो गयी
बेसिक कंप्यूटर लाया – अब लैपटाप सी हो गयी
आटे में नमक मैं लाया था – वो नमक में आटा हो गयी
तवे की रोटी जैसी थी – आलू का परांठा हो गई
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आइसक्रीम के जैसी थी – अब वो हीटर सी हो गयी
पोस्टकार्ड के जैसी थी – अब वो ट्विटर सी होगयी
इंचो में जिसे मैं लाया था – अब वो मीटर की हो गयी
200 ml फैंटा थी – अब दो लीटर की हो गयी
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भोली-भाली लाया था  - अब बन गयी बिलकुल भाला
दो की बन गयी अम्मी – और चार की बन गयी खाला
पनीर की स्वादिष्ट डिश थी वो – अब बन गयी बैंगन भरता
किसी एक को ब्याहना था फिर मरता क्या न करता

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